बांके बिहारी कॉरिडोर बनने का फायदा



 बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने के बाद वर्तमान की तुलना में संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आएंगे। सुविधा विस्तार इसका मुख्य कारण रहेगा। वर्तमान में भीड़ के दबाव के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु यहां नहीं आते हैं। स्थानीय प्रशासन और कारोबारियों का मानना है कि जैसे-जैसे किसी स्थान पर सुविधाओं में विस्तार होता है तो लोगों का रुझान उस स्थान के प्रति बढ़ जाता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इसका ता
जा उदाहरण है। वहां अब दोगुना श्रद्धालु पहुंचते हैं। श्रद्धालु बढ़ेंगे तो क्षेत्र में पर्यटन विकास को भी रफ्तार मिलेगी। होटल, खाना-पान उद्योग फले-फूलेगा। परिवहन को साधनों का भी विस्तार होगा।

                श्रीबांकेबिहारी की धूम विदेशों तक है। काशी नरेश से ज्यादा वृंदावन के बांकेबिहारी के भक्त विदेशों में हैं। इसकी पुष्टि पर्यटन विभाग के आंकड़े भी करते हैं। विभाग ने 2022 में आंकड़े जारी किए, जिनके अनुसार 2022 में जहां काशी में 89689 विदेशी पहुंचे तो वहीं वृन्दावन आने वालों की संख्या 115858 थी। विदेशी पर्यटकों के मामले में उत्तर प्रदेश में आगरा के बाद मथुरा आता हैं। ब्रज में आने वाले भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए वृंदावन के श्रीबांके बिहारी सबसे प्रमुख हैं। पर्यटन विभाग ने ब्रज में मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, कुसुम सरोवर, राधाकुंड, गोकुल, बरसाना, नंदगांव, महावन में आने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटकों का 2017 से 2022 तक का डाटा एकत्रित किया। इसमें सामने आया है कि बांकेबिहारी मंदिर ही सबसे अधिक भक्त आए। इसके बाद दूसरे नंबर पर गोवर्धन के गिरिराज जी महाराज के दर्शन को पहुंचे।

2022 में आए भारतीय और विदेशी पर्यटकों का डाटा

पर्यटन स्थल भारतीय विदेशी

मथुरा 8885190 30846

वृंदावन 17628605 60183

गोवर्धन 18060497 11987

कुसुम सरोवर 3088700 2150

बरसाना 4677551 2680

नंदगांव 2583500 1840

गोकुल 1428500 1435

राधाकुंड 5961600 2555

महावन 708600 662

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